महाराष्ट्र में शुक्रवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर अलग ही सियासी नजारा देखने को मिला। एक ओर जहां उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कई दही हांडी कार्यक्रमों में शामिल हुए। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी शिवसेना कैंप बगावत के बाद विधायकों की कमी महसूस की। इसके अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार ने दही हांडी को खेल और गोविंदाओं को स्वास्थ्य बीमा का भी ऐलान किया है।
आंकड़े बताते हैं कि पूरे मुंबई शहर में भाजपा ने 370 दही हांडी उत्सव आयोजित किए थे। यह पिछले औसतन आंकड़े 150-170 से काफी ज्यादा हैं। जश्न से जुड़े हर पोस्टर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और फडणवीस की तस्वीरें शामिल थीं। इनमें सबसे ज्यादा खास वर्ली स्थित जंबूरी मैदान का आयोजन रहा, जहां भाजपा के नई मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने कार्यक्रम आयोजित कराया था।
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यह उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे का क्षेत्र है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा शेलार को ही आदित्य के सामने प्रोजेक्ट कर रही है। इस कार्यक्रम में फडणवीस भी पहुंचे और दही हांडी फोड़ी। शिवसेना का गढ़ माने जाने वाले ठाणे में भी शिंदे कैंप के सदस्यों ने बड़े स्तर पर दही हांडी आयोजित की। मुंबई और ठाणे में शिवसेना के अधिकांश विधायक अब सीएम शिंदे के साथ हैं।
क्या बीएमसी पर है फोकस?
मानसून के बाद बीएमसी के 227 वार्डों में चुनाव हो सकते हैं। खास बात है कि तीन दशक से ज्यादा समय से निकाय पर शिवसेना का कब्जा है, लेकिन पार्टी में बगावत और राज्य की सत्ता में भाजपा की एंट्री के बाद समीकरण बदल सकते हैं। साल 2017 में भी भाजपा और शिवसेना साथ थे, लेकिन दोनों दलों ने अलग-अलग बीएमसी चुनाव लड़े थे। एक ओर जहां शिवसेना को 84 सीटें मिलीं। वहीं, भाजपा भी 82 सीटों पर जीती थी।
अन्य दलों का क्या
दही हांडी पूरे महाराष्ट्र में मनाया जाता है, लेकिन मुंबई में इसे लेकर अलग उत्साह होता है। शिवसेना ने भी यहां सक्रियता बढ़ाई और दही हांडी उत्सव के कई कार्यक्रमों में मौजूदगी दर्ज कराई। इधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी बाद में अलर्ट हुई और नवी मुंबई में दही हांडी कार्यक्रमों में जुटी रही। खबर है कि भाजपा की नजरें 31 अगस्त से शुरू हो रहे 10 दिवसीय गणेश उत्सव पर हैं।