हाईकोर्ट ने दिए क्वार्टर खाली करने के आदेश, पालिका ने भेजा नोटिस

पालिका के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के बावजूद भी रिटायर्ड लिपिक कीर्ति भूषण को कोई रियात नहीं मिल पायी है। सात जनवरी को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कीर्ति भूषण को एक सप्ताह के अंदर सरकारी क्वार्टर खाली करने के आदेश दिए है। वहीं इस संबंध में नगर पालिका से रिपोर्ट मांगी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में 18 फरवरी को चेयरपर्सन और ईओ को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के निर्देश दिए है।
नगर पालिका से रिटायर्ड लिपिक कीर्ति भूषण पिछले करीब 21 साल से अवैध रूप से सरकारी क्वार्टर में रहते आ रहे है। कीर्ति भूषण ने नगर पालिका के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि पालिका के द्वारा पेंशन और अन्य देयकों का भुगतान नहीं किया गया है। 10 जुलाई 2018 को कोर्ट ने नगरीय निकाय निदेशक को यह आदेश दिया कि वो कीर्ति भूषण को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ ही उनकी पेंशन और अन्य देयकों का भुगतान करें। पालिका ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया कि रिटायरमेंट के बाद भी कीर्ति पालिका के आवास पर अवैध रूप से काबिज हैं। जिस कारण उनका उपादान और पेंशन भुगतन रोका गया है। इस पर शपथ पत्र के साथ कीर्ति भूषण ने कोर्ट में जवाब दिया कि पालिका ने उनको आवास आजीवन स्थाई रूप से आवंटित किया है। कोर्ट ने पिछले दिनों इस प्रकरण में प्रमुख सचिव नगर विकास और निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय को तलब किया था। कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार ने कीर्ति भूषण को नोटिस जारी कर करीब 2922988 रुपए जमा करने के निर्देश दिए थे। अब हाईकोर्ट ने सात जनवरी को सुनवाई करते हुए कीर्ति भूषण को क्वार्टर खाली करने के आदेश दिए है।

नगर पालिका ईओ ने बताया
हाईकोर्ट ने रिटायर्ड लिपिक कीर्ति भूषण को एक सप्ताह के अंदर सरकारी क्वार्टर खाली करने के निर्देश दिए है। इस संबंध में कीर्ति भूषण को नोटिस भेजा गया है। यदि वह स्वयं क्वार्टर खाली नहीं करते है तो फिर मजबूरन पुलिस की सहायता लेनी पडेगी।
डा. प्रज्ञा सिंह, ईओ नगर पालिका

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