मंगलवार को भाकियू टिकैत जिलाध्यक्ष नवीन राठी के नेतृत्व में कार्यकर्ता और किसानों ने कचहरी का घेराव किया है। विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने कलेक्ट्रेट में जमकर धरना प्रदर्शन किया है। वहीं रंणसिंघा बजाकर कडा आक्रोश भी जताया है। किसानों ने सरकार पर वादा खिलाफी का गंभीर आरोप लगाया है। भाकियू नेता गौरव टिकैत और नवीन राठी के नेतृत्व में किसानों ने गन्ना मूल्य, बिजली आदि अन्य विभिन्न मांगों को लेकर नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया है। वहीं चेतावनी दी है कि यदि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो फिर आंदोलन किया जाएगा।
महावीर चौक स्थित भाकियू कार्यालय पर संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकत्र हुए। भाकियू जिलाध्यक्ष नवीन राठी के नेतृत्व में कार्यकर्ता और किसान जुलूस के रूप में कचहरी पहुंचे। यहां पर किसानों ने विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट में जमकर धरना प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष नवीन राठी ने कहा कि सरकार के द्वारा किसानों का उत्पीडन किया जा रहा है। किसानों से किए गए वादे सरकार के द्वारा आज तक पूर्ण नहीं किए गए है। तीन कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसानों ने दिल्ली में जमकर आंदोलन किया। इसके बाद सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पडे। उन्होंने कहा कि शुगर मिलों को चलते हुए दो माह हो गए है, लेकिन गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया गया है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि गन्ना मूल्य 500 रुपए प्रति कंुतल घोषित होना चाहिए। सभी फसलों पर एमएसपी लागू की जाए। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन को खत्म किया जाए। स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली का निजीकरण न किया जाए। कोई प्रीपेड स्मार्ट मीटर न थोपा जाए। कृषि क्षेत्रों में बिजली मुफ्त और घरेलू व दुकानों के लिए 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाए। कृषि यंत्रों को जीएसटी मुक्त किया जाए और बीज नीति में संशोधन किया जाए। भाकियू नेता गौरव टिकैत ने कहा कि गुड़ एवं खांडसारी उद्योग को बढ़ावा देन के लिए शुगर केन कंट्रोल एंड खांडसारी रेगुलेशन्स को रद किया जाए। सरकार न्यू नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट पालिसी को रद करें। वहीं किसान संगठनों से परिचर्चा कर किसानहित में प्रभावी नीति तैयार की जाए। धरने की अध्यक्षता प्रदेश सचिव ओमप्रकाश शर्मा और संचालन मीडिया प्रभारी शक्ति सिंह ने किय। इस दौरान शक्ति चौधरी, देव अहलावत, गुलबाहर राव, श्यामपाल सिंह, सतेंद्र सिंह, नीरज पहलवान, सोमपाल, रमेश कुमार वीरेन्द्र कुमार, राजेन्द्र सिंह आदि किसान मौजूद रहे।