मुजफ्फरनगर। हिन्दुस्तान भारत
दिल्ली की एमआईटूसी कम्पनी अनुबंध की शर्तों पर खरी नहीं उतरी है। जिस कारण नगर पालिका ने कम्पनी के भुगतान से करीब एक करोड रुपए की धनराशि काट ली है। अब कम्पनी के सामने आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। कम्पनी के द्वारा नगर पालिका में पूर्ण यूजर चार्ज भी जमा नहीं किए जा रहे है।
एमआईटूसी कम्पनी नगर पालिका के साथ हुए अनुबंध के अनुसार कार्य नहीं कर रही है। जिस कारण कम्पनी के सामने आर्थिक संकट बना हुआ है। कम्पनी के द्वारा करीब 30 प्रतिशत घरों से कूडा उठाया जा रहा है। वहीं यूजर चार्ज भी पालिका में जमा नहीं किए जा रहे है। जिस कारण नगर पालिका ने कम्पनी के प्रति कडा रूख अपनाया है। नगर पालिका ने कम्पनी को मिलने वाले 92 लाख के भुगतान से कटौती करनी शुरू कर दी है। नगर पालिका ने करीब एक करोड की कटौती करते हुए दो माह में करीब 77 लाख रुपए का भुगतान कम्पनी को किया है। अब फिर से कम्पनी के सफाई कर्मचारियों का दो माह का वेतन लटक गया है।
नगर पालिका ईओ ने बताया
कंपनी के खिलाफ जेई जलकल जितेन्द्र कुमार के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय समिति से जांच कराई गई है। जिसमें अधिकांश आरोप कंपनी के खिलाफ सही पाये गये हैं। इसी कारण भुगतान रोका गया है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी की रिपोर्ट आने के बाद ही चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के समक्ष प्रकरण रखा जायेगा।
डा. प्रज्ञा सिंह, ईओ नगर पालिका
एमआईटूसी कम्पनी के परियोजना प्रबंधक ने कहा
पालिका से पैसा नहीं मिलने के कारण अब तेल का बंदोबस्त करना भी मुश्किल हो रहा है। पेट्रोल पम्प से भी कंपनी के वाहनों को डीजल मिलना बंद होने लगा है। प्रतिदिन करीब 70-80 हजार रुपये का डीजल इन वाहनों में खर्च हो रहा है। महीने में 20-25 लाख रुपये का तेल लग रहा है। ऐसे में बडी समस्या खडी हो गई है।
पुष्पराज सिंह, परियोजना प्रबंधक एमआईटूसी कम्पनी