मुजफ्फरनगर। नदियों को प्रदूषण से मुक्त न रखने पर एनजीटी ने मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर, बुढाना समेत 33 निकायों को नोटिस जारी किया है। शहरी क्षेत्रों से निकल रहे नालो के पानी को बिना ट्रीटमेंट किये नदियों में डाला जा रहा है। जिस कारण नदियां प्रदूषित हो रही है। इस मामले को लेकर एनजीटी ने सख्त रवैया अपनाया है।
शहरों से निकल रहे नालो के गंदे पानी को साफ कर नदियों में डालने के लिए ट्रीटमेंट सेंटर बनाये हुए है। इसके बावजूद भी नाले के पानी को ट्रीटमेंट नही किया जा रहा है। उक्त नगर निकाय बिना ट्रीटमेंट के ही सीवरेज को नदियों में डाल रहे हैं। इसके बाद क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी निकायों को पत्र भेजकर कार्य योजना तैयार करने की मांग की है। नदियों में प्रदूषण की मात्रा लगातार बढ़ रही है। जिसे लेकर एनजीटी कई बार गहरी नाराजगी जाहिर कर चुका है। इसके बावजूद भी नदियों को साफ करने के लिए कोई विशेष प्रगति नहीं हुई। इस पर एनजीटी ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। साथ ही निकायों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई के आदेश दिए। इसके बाद उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी की ओर से सहारनपुर, अयोध्या, प्रयागराज, लखनऊ, बरेली, गाजियाबाद, मेरठ समेत 33 निकायों को नोटिस भेजे हैं। जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि सभी के खिलाफ जल अधिनियम 1974 की धारा 49 के तहत कार्रवाई की जाए। साथ ही 15 दिन के अंदर सभी निकायों से सीवेज ट्रीटमेंट की कार्ययोजना भी मांगी है। वहीं नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने को लेकर एनजीटी सख्त हो गया है। सहारनपुर, आगरा, अयोध्या, आगरा और मेरठ समेत प्रदेश के 33 निकायों को नोटिस जारी कर दिया है। भारत सरकार की सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश में सीवरेज ट्रीटमेंट की रिपोर्ट मांगी थी। इन निकायों से नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
इन निकायों को भेजा गया नोटिस
मुजफ्फरनगर। एनजीटी के द्वारा अयोध्या, आगरा, आजमगढ़, बुढ़ाना, बरेली, बलरामपुर, बलिया, छात्ता, फतेहगढ़, फरूखाबाद, फतेहपुर, गोरखपुर, गाजियाबाद, गाजिपुर, हाथरस, हापुड़, कानपुर, काशी कलां, कैराना, लखनऊ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मिर्जापुर, मेरठ, मथुरा, प्रयागराज, सहारनपुर, सुल्तानपुर, शामली, बनत, थानाभवन, उन्नाव, वाराणसी वृंदावन निकाय को नोटिस जारी किया गया है।