कोर्ट में मूल्यांकन रिपोर्ट भेजने को पालिका ने कराई एसडी मार्किट की पैमाइस

 

मुजफ्फरनगर।
बुधवार को एसडीएम सदर परमानन्द झा के निर्देश पर नगर पालिका ने एसडी मार्किट का गोपनीय रूप से सर्वे कराया है। पालिका के कार्यवाहक ईओ एंव एई निर्माण अखंड प्रताप सिंह ने मेरठ से विशेषज्ञ की टीम बुलाकर एसडी मार्किट की पैमाइश कराई है। नगर पालिका को इसका मूल्यांकन कराते हुए रिपोर्ट देनी है। नगर पालिका ने पूरी गोपनीयता बनाते हुए पैमाइस की है। इस दौरान व्यापारियों को बताया गया कि यहां पर सड़क और नाली का निर्माण कराया जाएगा। जिस वजह से कोई विवाद नही हो पाया और पैमाइस का कार्य शान्तिपूर्ण हो गया। हालांकि मामला कोर्ट में चल रहा है। जिस कारण व्यापारी शांत रहे।
शहर के शिव चौक के समीप स्थित करीब पांच हजार रोड़ रुपये की संपत्ति एसडी काॅलेज मार्किट पर अवैध निर्माण और अवैध कब्जे को लेकर तत्कालीन डीएम ने जांच कराई थी। तत्कालीन जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह द्वारा जांच कमेटी का गठन जांच कराई गई, जिसमें करीब 70 साल से एसडी काॅलेज एसोसिएशन के द्वारा सरकारी भूमि का अवैध प्रयोग करने का दोष साबित हुआ। इसके बाद इस मामले में प्रशासनिक स्तर पर की गई कार्यवाही के कारण भारी हंगामा खड़ा हो गया था। इसी बीच जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह का तबादला हो जाने के बाद मामला ठण्डे बस्ते में चला गया और एसडी काॅलेज एसोसिएशन ने हाईकोर्ट जाकर पालिका के नोटिस के खिलाफ स्टे आदेश प्राप्त कर लिया था।
इसके साथ ही यह मामला स्थानीय स्तर पर सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट नम्बर-1 के न्यायालय में चल रहा है। एसडीएम सदर परमानंद झा ने कोर्ट में चल रहे उक्त केस को लेकर एसडी काॅलेज मार्किट का सर्वे कराते हुए नगरपालिका परिषद् से मूल्यांकन रिपोर्ट मांगी है। एसडीएम सदर ने 11 फरवरी को पालिका प्रशासन के लिए जारी किये गये आदेश में जल्द से जल्द मार्किट का सर्वे कराकर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
बुधवार को इसके लिए पालिका के कार्यवाहक ईओ अखंड प्रताप सिंह ;सहायक अभियंता निर्माणद्ध एसडी मािर्कट पहुंचे। उनके साथ मेरठ जनपद से आई विशेषज्ञ टीम के सदस्य भी मौजूद रहे। उन्होंने एसडी मार्किट का सर्वे का कार्य पूर्ण कराया। इस दौरान टीम को देखकर मौके पर एसडी काॅलेज मार्किट के व्यापारी एवं एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नामदेव भी आ गये थे। व्यापारियों के पूर्व के विरोध को देखते हुए पालिका प्रशासन ने इस बार एसडी मार्किट का सर्वे कराये जाने के लिए बेहद सतर्कता बरती और किसी को कानों-कान खबर नहीं होने दी। गुपचुप तरीके से यह सर्वे का काम पूरा किया गया। कार्यवाहक ईओ अखंड प्रताप ने बताया कि एसडीएम सदर के द्वारा कोर्ट के आदेश पर एसडी मार्किट का सर्वे कराकर मूल्यांकन रिपोर्ट मांगी गयी है। सर्वे का कार्य नगरपालिका परिषद् को कराने के लिए जिम्मेदारी दी गयी है, जबकि मूल्यांकन रिपोर्ट इस प्रकरण में गठित की गयी कमेटी के अधिकारी, जिसमें लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता, वो स्वयं और तहसीलदार सदर शामिल हैं के द्वारा तैयारी की जानी है। मूल्यांकन रिपोर्ट के लिए मार्किट का भौतिक सर्वे होने आवश्यकता था। पूर्व में जनवरी 2023 और इसके बाद दो बार पालिका स्तर से सर्वे कराने का प्रयास किया गया था, लेकिन व्यापारियों के विरोध के कारण यह पूरा नहीं किया जा सका। उन्होंने बताया कि नजूल की उक्त भूमि दो खसरा नम्बरों में अंकित है और करीब 1900 वर्ग मीटर में बने विद्यालय को छोड़कर शेष भूमि का सर्वे करने के आदेश दिये गये हैं। इसमें मार्किट में कवर्ड और अनकवर्ड एरिया के साथ ही व्यवसायिक भवन का सर्वे किया गया है। आज मेरठ से आई विशेषज्ञ टीम के साथ उनके द्वारा मौके पर जाकर मार्किट का सर्वे कराने का कार्य पूर्ण कर लिया है। अब जल्द ही रिपोर्ट सौंप दी जायेगी।
उधर न्यू एसडी काॅलेज मार्किट एसोसिएशन के प्रधान अनिल नामदेव ने बताया कि बुधवार को दोपहर के समय पालिका के अधिकारी कुछ लोगों की टीम के साथ मार्किट में आये थे, उनके द्वारा बताया गया कि मार्किट में पालिका के द्वारा सड़क और नाली का निर्माण कार्य कराया जाना है। इसके लिए टीम यहां का नक्शा बना रही है। उन्होंने इस बात पर रोष जताया कि अधिकारी द्वारा उनको गुमराह किया गया है। उनको पता चला है कि एसडी मार्किट एसोसिएशन के प्रकरण में यह सर्वे कराया गया है। नामदेव ने बताया कि पहले भी दो बार मार्किट का सर्वे कराये जाने का प्रयास पालिका ने प्रशासन के साथ मिलकर किया गया था, जिसका विरोध किया गया और सर्वे रुक गया था। वो इस मामले में व्यापारियों के साथ मीटिंग करेंगे।

यह है पूरा मामला

मुजफ्फरनगर। तत्कालीन डीएम चंद्रभूषण सिंह को शिकायत मिली थी कि एसडी काॅलेज की सरकारी जमीन पर बिल्ड़िंग तोड़कर एसडी मार्केट बनाई गई है। इसके अलावा नगर पालिका से कालेज के खेल के मैदान के लिए तीस साल की लीज पर ली गई जमीन पर झांसी की रानी मार्केट बना दी गई। लीज का समय 1982 में पूरा हो चुका है। दोनों ही जमीनों के आवंटन में यह शर्त है कि इनका प्रयोग केवल शिक्षा के लिए होगा, व्यवसायिक प्रयोग नहीं हो सकता। सरकार की इन जमीनों पर एसडी काॅलेज एसोसिएशन ने लगभग 2500 दुकानें बना ली है। डीएम ने नगर पालिका के ईओ, तहसीलदार सदर और डीआईओएस से इस संबंध में जांच रिपोर्ट मांगी थी। नोडल अधिकारी बनाये गये तहसीलदार सदर ने रिपोर्ट दी थी कि एसडी काॅलेज को 0.440 हेक्टेयर जमीन शैक्षणिक कार्यों के लिए दी गई थी। जमीन का व्यवसायिक प्रयोग नहीं करने की शर्त लगाई गई थी। डीआईओएस ने रिपोर्ट दी है कि एसोसिएशन ने काॅलेज की बिल्डिंग तोड़ने से पहले कोई अनुमति नहीं ली है। जमीन केवल शिक्षा के प्रयोग के लिए है। निवर्तमान ईओ नगर पालिका हेमराज ने रिपोर्ट दी थी कि 12 मई 1952 को नगर पालिका ने काॅलेज को खेल के मैदान के लिए 30 साल की लीज पर आठ हजार वार्षिक दर से जमीन दी थी। जमीन का किराया कभी जमा नहीं किया गया। 1982 में लीज खत्म हो गई। शर्तों में साफ है कि जमीन का व्यवसायिक प्रयोग नहीं हो सकता। लीज पूरी होने के बाद जमीन स्वतः ही पालिका में निहित मानी जाएगी। इसके बाद डीएम के निर्देश पर पालिका ईओ ने 27 दिसम्बर 2022 को सनातन धर्म कालेज एसोसिएशन को नजूल की जमीन पर मार्केट बनाने को लेकर नोटिस जारी करते हुए पालिका के स्वामित्व वाली सरकारी जमीन को 70 साल से व्यवसायिक रूप से प्रयोग करने पर करीब 190 करोड़ जमा कराने के लिए नोटिस जारी कर दिया था।

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